शिशु जब माँ के पेट में होता है तब वह बहुत सी बिमारियों से बचा रहता है, लेकिन जब शिशु जन्म ले लेता है तो उसकी विशेष देखभाल करने की जरूरत होती है, क्योंकि शिशु के जन्म के बाद शिशु को कई तरह की बिमारियों के होने का खतरा रहता है.
बहुत से बार शिशु का विशेष ध्यान रखने के बावजूद भी शिशु बीमारी का शिकार हो जाता है. 50% शिशुओं को जन्म के पहले हफ्ते में ही neonatal jaundice हो जाता है jaundice को एक खतरनाक बीमारी माना जाता है.
अगर शिशु का जन्म hospital में होता है तो doctor jaundice की जांच जरूर करते हैं और शिशु में jaundice पाए जाने पर लगातार बच्चे का checkup करते हैं. New born baby की skin और आँखों को देखकर jaundice का पता लगाया जा सकता है. जिन नवजात शिशुओं को jaundice हो जाता है तो doctor jaundice होने के कारण को पता करने की कोशिश करते हैं.
जब नवजात शिशु स्तनपान (breastfeeding) नहीं करता है तब bilirubin के level में कमी हो जाती है , लेकिन जैसे नवजात शिशु स्तनपान करना शुरू कर देता है तब jaundice अपने आप ठीक हो जाता है. शिशुओं में jaundice शिशु के जन्म से लेकर 7 साल की उम्र तक हो सकता है. Jaundice की बीमारी का असर 2 हफ्ते से लेकर 12 हफ्तों तक रहता है इसलिए नवजात शिशु के जन्म के बाद jaundice की जांच जरूर करवानी चाहिए.
नवजात शिशु में hemolytic नामक बीमारी भी पाई जाती है. जिसमें माँ का खून शिशु के खून का विरोधी होता है.
जिस pregnant महिला को hypothyroidism होता है उसके शिशु को भी hypothyroidism हो सकता है.
बहुत से बार शिशु का विशेष ध्यान रखने के बावजूद भी शिशु बीमारी का शिकार हो जाता है. 50% शिशुओं को जन्म के पहले हफ्ते में ही neonatal jaundice हो जाता है jaundice को एक खतरनाक बीमारी माना जाता है.
अगर शिशु का जन्म hospital में होता है तो doctor jaundice की जांच जरूर करते हैं और शिशु में jaundice पाए जाने पर लगातार बच्चे का checkup करते हैं. New born baby की skin और आँखों को देखकर jaundice का पता लगाया जा सकता है. जिन नवजात शिशुओं को jaundice हो जाता है तो doctor jaundice होने के कारण को पता करने की कोशिश करते हैं.
जब नवजात शिशु स्तनपान (breastfeeding) नहीं करता है तब bilirubin के level में कमी हो जाती है , लेकिन जैसे नवजात शिशु स्तनपान करना शुरू कर देता है तब jaundice अपने आप ठीक हो जाता है. शिशुओं में jaundice शिशु के जन्म से लेकर 7 साल की उम्र तक हो सकता है. Jaundice की बीमारी का असर 2 हफ्ते से लेकर 12 हफ्तों तक रहता है इसलिए नवजात शिशु के जन्म के बाद jaundice की जांच जरूर करवानी चाहिए.
नवजात शिशु में hemolytic नामक बीमारी भी पाई जाती है. जिसमें माँ का खून शिशु के खून का विरोधी होता है.
जिस pregnant महिला को hypothyroidism होता है उसके शिशु को भी hypothyroidism हो सकता है.
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