अमरुद फल ही नहीं औषधि भी - Benefits of Guava in Hindi, amrud khane ke fayde, amrud kahne se kya hota hai.
हमारे देश में अमरुद लगभग सभी स्थानों पर पाया जाता है . इसकी अनेक प्रजातियाँ हैं जिनमें इलाहाबाद , वाराणसी एवं आजमगढ़ में पाये जाने वाले अमरुद अच्छी प्रजाति के माने जाते हैं . यह फल अत्यंत गुणकारी एवं औषधीय गुणों से पूर्ण हैं . इसे गरीबों के सेब भी कहा जाता है . यह ओर फलों की अपेक्षा सस्ता और सुलभ है .
जाड़ो में पाये जाने वाले अमरुद अधिक अच्छे होते हैं . इसका उपयोग फल के अतिरिक्त पनीर , जेली और मुरब्बे आदि के रूप में भी बहुतायत से किया जाता है . इतना उपयोगी होने के बावजूद अमरुद के औषधीय गुणों की जानकारी बहुत कम ही लोगों को है . तो आइए जानते है इनके बारे में -
विशेष कर यह कि अमरुद अत्यन्त वीर्यवर्धक (sperm enhancer) फल है . इसे अधभुने (half baked) नियमित सेवन करने से शुक्राणु संख्या (sperm count) में वृद्धि होती है .
वैज्ञानिक विश्लेषण के अनुसार अमरुद में protein 1.6 , fats 2.2 , calcium 1.01 , phosphorous 0.45 , carbohydrate 15 , Vitamin-B 0.3, और minerals 0.9 प्रतिशत पाये जाते हैं . Vitamin-C की मात्रा के लिए फलों में अमरुद का तीसरा स्थान है . अमरुद में glucose की मात्रा ( इसकी प्रजाति तथा कच्चा या पका होने के कारण ) बढ़ने पर vitamin-c की मात्रा घटती जाती है . इसके बीज सुगंधित तेल तैयार करने के लिए व्यवहार किए जाते है .
भोजन के आधे घंटे बाद नमक , कली मिर्च और निम्बू की कुछ बूंदे डालकर लगातार तीन दिन लेने से कब्ज (constipation) में आश्चर्यजनक लाभकारी प्रभाव देखा जा सकता है . यह आंतों को पूरी तरह साफ कर देता है . जिन लोगों को बराबर सर्दी की शिकायत रहती है यानी कफ प्रधान रोगी को इसके सेवन में यह सावधानी रहना चाहिये कि अमरुद को गैस या कोयले पर पूरी तरह पकाकर नमक और काली मिर्च के साथ लें .
इससे सभी प्रकार की सर्दी में भी प्रभावशाली लाभ होगा पर यह नुस्खा दिन में भोजन के बाद ही अपनाना चाहिए . अमरुद अकेला ऐसा फल है जो constipation और diarrhea (मिश्री मिलाकर तीन दिन खाने से ) दोनों में लाभकारी है .
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अमरुद फल ही नहीं औषधि भी - Benefits of Guava in Hindi, amrud khane ke fayde, amrud kahne se kya hota hai.
साधारण दांत दर्द में अमरुद की पत्तियां चबाने या पानी में उबाल कर गरारे करने से आराम मिल जाता है . मुंह में छाले हो जाने पर अमरुद की पत्तियों का रस कत्थे (पान में खाया जाने वाला) के साथ मिलाकर लगाने से शीघ्र लाभ होता है . इसी प्रकार छिलके उतारे हुए हरे अमरुद 500 ग्राम , फिटकरी , काली मिर्च और सेंधा नामक (प्रत्येक 10 ग्राम) को पिस कर मसूड़ों पर मलने से एक सप्ताह के अन्दर मसूड़ों से खून आना और दर्द ठीक हो सकता है .
जिन्हें लगातार सिर दर्द रहता हो (परन्तु नाड़ी सम्बन्धी समस्या न हो) तो अमरुद को पत्थर पर घिस कर पेस्ट सूर्योदय से पूर्व ललाट पर लगाने से एक आदर्श औषधि का लाभ मिलता है . इसकी पत्तियों का शर्बत बनाकर पिने से आमाशय (pancreas) के दर्द में आराम मिलता है .
मीठे अमरुद का एक माह तक नियमित सेवन करने से सारे रक्तदोष दूर हो सकते हैं और किसी प्रकार के चर्मरोग की सम्भावना समाप्त हो जाती है . ह्रदय अच्छी हालत में रखने के लिये अमरुद का नियमित सेवन आदर्श औषधि है . कई जगह संतरे के बदले अमरुद का रस ही बच्चों को देते हैं . बच्चे लाल गुदे का अमरुद बहुत पसंद करते हैं .
हमारे देश में अमरुद लगभग सभी स्थानों पर पाया जाता है . इसकी अनेक प्रजातियाँ हैं जिनमें इलाहाबाद , वाराणसी एवं आजमगढ़ में पाये जाने वाले अमरुद अच्छी प्रजाति के माने जाते हैं . यह फल अत्यंत गुणकारी एवं औषधीय गुणों से पूर्ण हैं . इसे गरीबों के सेब भी कहा जाता है . यह ओर फलों की अपेक्षा सस्ता और सुलभ है .
जाड़ो में पाये जाने वाले अमरुद अधिक अच्छे होते हैं . इसका उपयोग फल के अतिरिक्त पनीर , जेली और मुरब्बे आदि के रूप में भी बहुतायत से किया जाता है . इतना उपयोगी होने के बावजूद अमरुद के औषधीय गुणों की जानकारी बहुत कम ही लोगों को है . तो आइए जानते है इनके बारे में -
विशेष कर यह कि अमरुद अत्यन्त वीर्यवर्धक (sperm enhancer) फल है . इसे अधभुने (half baked) नियमित सेवन करने से शुक्राणु संख्या (sperm count) में वृद्धि होती है .
वैज्ञानिक विश्लेषण के अनुसार अमरुद में protein 1.6 , fats 2.2 , calcium 1.01 , phosphorous 0.45 , carbohydrate 15 , Vitamin-B 0.3, और minerals 0.9 प्रतिशत पाये जाते हैं . Vitamin-C की मात्रा के लिए फलों में अमरुद का तीसरा स्थान है . अमरुद में glucose की मात्रा ( इसकी प्रजाति तथा कच्चा या पका होने के कारण ) बढ़ने पर vitamin-c की मात्रा घटती जाती है . इसके बीज सुगंधित तेल तैयार करने के लिए व्यवहार किए जाते है .
भोजन के आधे घंटे बाद नमक , कली मिर्च और निम्बू की कुछ बूंदे डालकर लगातार तीन दिन लेने से कब्ज (constipation) में आश्चर्यजनक लाभकारी प्रभाव देखा जा सकता है . यह आंतों को पूरी तरह साफ कर देता है . जिन लोगों को बराबर सर्दी की शिकायत रहती है यानी कफ प्रधान रोगी को इसके सेवन में यह सावधानी रहना चाहिये कि अमरुद को गैस या कोयले पर पूरी तरह पकाकर नमक और काली मिर्च के साथ लें .
इससे सभी प्रकार की सर्दी में भी प्रभावशाली लाभ होगा पर यह नुस्खा दिन में भोजन के बाद ही अपनाना चाहिए . अमरुद अकेला ऐसा फल है जो constipation और diarrhea (मिश्री मिलाकर तीन दिन खाने से ) दोनों में लाभकारी है .
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अमरुद फल ही नहीं औषधि भी - Benefits of Guava in Hindi, amrud khane ke fayde, amrud kahne se kya hota hai.
साधारण दांत दर्द में अमरुद की पत्तियां चबाने या पानी में उबाल कर गरारे करने से आराम मिल जाता है . मुंह में छाले हो जाने पर अमरुद की पत्तियों का रस कत्थे (पान में खाया जाने वाला) के साथ मिलाकर लगाने से शीघ्र लाभ होता है . इसी प्रकार छिलके उतारे हुए हरे अमरुद 500 ग्राम , फिटकरी , काली मिर्च और सेंधा नामक (प्रत्येक 10 ग्राम) को पिस कर मसूड़ों पर मलने से एक सप्ताह के अन्दर मसूड़ों से खून आना और दर्द ठीक हो सकता है .
जिन्हें लगातार सिर दर्द रहता हो (परन्तु नाड़ी सम्बन्धी समस्या न हो) तो अमरुद को पत्थर पर घिस कर पेस्ट सूर्योदय से पूर्व ललाट पर लगाने से एक आदर्श औषधि का लाभ मिलता है . इसकी पत्तियों का शर्बत बनाकर पिने से आमाशय (pancreas) के दर्द में आराम मिलता है .
मीठे अमरुद का एक माह तक नियमित सेवन करने से सारे रक्तदोष दूर हो सकते हैं और किसी प्रकार के चर्मरोग की सम्भावना समाप्त हो जाती है . ह्रदय अच्छी हालत में रखने के लिये अमरुद का नियमित सेवन आदर्श औषधि है . कई जगह संतरे के बदले अमरुद का रस ही बच्चों को देते हैं . बच्चे लाल गुदे का अमरुद बहुत पसंद करते हैं .
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