Skip to main content

अपने बच्चों को हँसना-मुस्कुराना सिखाइए - Teach your children to laugh and smile in Hindi

अपने बच्चों को हँसना-मुस्कुराना सिखाइए - Teach your children to laugh and smile in Hindi
क्या आप अपने बच्चों को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में success देखना चाहते हैं ? क्या आप चाहते हैं कि आपके बच्चे व्यवहार-कुशल हों ?
उनकी personality इतना impressive हो कि हर कोई उनसे impress हो ?

agar हाँ , तो फिर मेरी suggestion मानिए और अपने बच्चे को starting से ही हँसाना-मुस्कुराना सिखाइए . विश्वास कीजिए , हंसमुख और मिलनसार व्यक्ति जहाँ भी जाते हैं वहीँ अपना स्थान बना लेते हैं . ऐसे व्यक्ति जो खुद हँसते हैं , दूसरों को खुशियाँ बांटते हैं , वे परायों (strangers) को भी अपना बना लेते हैं . और हाँ , यह तो आप जानते ही होंगे कि हँसना-मुस्कुराना health के लिए कितना अच्छा होता है .

लेकिन .. हो सकता है कि इस article को read करने के बाद आप अपने बच्चों को हंसने-मुस्कुराने की शिक्षा दें . अथवा उनसे सख्ती से हंसने मुस्कुराने के लिए कहें . क्या ऐसा कहकर आप उनके होंठों को मुस्कराहट दे सकेंगे ? क्या ऐसा कहकर आप उनके चेहरे पर हंसी के पुष्प खिला सकेंगे ? संभव है ऐसा न हो .

इसके लिए एक आईना (mirror) लीजिए और देखिए अपने-आपको .
क्या आपके होंठों से हंसी फूटती है ?
क्या आप खुलकर मुस्कुराते हैं ?

अगर नहीं , तो फिर आप अपने बच्चों को हँसते-मुस्कुराने की कला न सिखा सकेंगे . क्या आप जानते हैं , कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जो अपने आपको बचपन में ही बुढा समझने लगते हैं . कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं , जिन्हें हँसना-मुस्कुराना आता ही नहीं . इन दोनों शब्दों का अर्थ भी वे नहीं जानते .

इस article को पूरा पढ़ने के लिये Next Page पर जाये.


अपने बच्चों को हँसना-मुस्कुराना सिखाइए - Teach your children to laugh and smile in Hindi

ऐसे बच्चों से आप क्या आशा करेंगे ? क्या ऐसे बच्चे किसी से अपनों जैसे या फिर मित्रतापूर्वक व्यवहार कर सकेंगे ? क्या ऐसे बच्चे जीवन के किसी क्षेत्र में success हो सकेंगे और अपने आस-पास लोगों की भीड़ एकत्रित कर सकेंगे ?

मेरे विचार से ऐसा न होगा . ऐसे बच्चे न तो इस समाज को कुछ दे सकेंगे और न ही इस संसार से कुछ ले सकेंगे . ऐसे बच्चों के personality का development रुक जाता है और वे हीन भावना से ग्रसित होकर खुद के जीवन को भी एक बोझ समझ बैठते हैं .

पिछले दिनों मैंने ऐसे दो बच्चों का अध्यन किया , जिनकी उम्र 6 और 8 वर्ष की थी . जब वे बच्चे school जाते तो उनके चेहरे देखकर लगता जैसे किसी ने उन्हें पीटकर घर से निकाला हो . School से लौटते समय वे बेहद थके-थके और सहमे-सहमे लगते .मैंने उन दोनों की एक दुसरे से बोलते भी नहीं देखा जबकि वे दोनों सगे भाई थे .
मैंने उन दोनों के बारे में विस्तार से जानकारी चाही तो मेरे एक friend ने बताया - " उन दोनों का सम्बन्ध अच्छे परिवार से है . पिता की आर्थिक स्थिति भी काफी अच्छी है . "
" लेकिन मैंने उन दोनों को कभी हँसते मुस्कुराते नहीं देखा . "
" देख भी नही सकते . "
" वह क्यों ? "
" माता-पिता का स्वभाव ही कुछ ऐसा है . किसी ने उनके पिता को भी हँसते मुस्कुराते नहीं देखा . "
" यह उनका स्वभाव होगा , लेकिन बच्चों के सामने तो वे अपने स्वभाव को बदल सकते हैं . "
" हाँ , यह possible है " , friend ने बताया - " लेकिन वे ऐसा नहीं करते . उनकी आदत है कि office से लौटते ही बच्चों पर चीखना-चिल्लाना सुरु कर देते हैं और कभी-कभी बच्चो पर हाथ भी उठा बैठते है . इस मायने में उनकी पत्नी भी उनसे दो कदम आगे है . "
" क्या पति-पत्नी एक दुसरे से नहीं बोलते ? "
" बोलते हैं , लेकिन उनके संवाद ऐसे होते हैं मानो एक दुसरे से झगड़ा कर रहे हों . "

Friend ने यह भी बताया कि उन श्रीमान जी को कोई भी व्यक्ति पसंद नहीं करता . न तो कोई उनसे मिलता है और न ही वे किसी से मिलना पसंद करते हैं .
बात मेरी समझ में आ गयी थी . ऐसे पिता के बच्चे कभी मुस्कुरा ही नहीं सकते थे . मुझे दया आती थी उन बच्चों पर . मैं सोचता हूं वे बच्चे बड़े होकर भी किसी के साथ अच्छा व्यवहार न कर सकेंगे .

आप जानते हैं न , मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है .
समाज में रहने के लिए उसका मिलनसार और हंसमुख होना बहुत आवश्यक है . समाज कभी ऐसे व्यक्ति को पसंद नहीं करता जो हँसना और मुस्कुराना न जनता हो . संसार ऐसे ऐसे व्यक्ति से दूर भागता है .
इसलिए जब आप अपने बच्चे को अन्य बत्तों की शिक्षा दें तो उसे यह भी बताएं कि जीवन में सफल और व्यवहार कुशल बनने के लिए हंसी और मुस्कराहट का कितना महत्त्व होता है . लेकिन हाँ , उससे पहले आप आईने (mirror) में अपना चेहरे अवश्य देख लें .

Comments

Popular posts from this blog

संस्कार और उनसे मुक्ति - Sacrifice and liberation from them, in Hindi

[caption id="" align="aligncenter" width="497"] संस्कार और उनसे मुक्ति - Sacrifice and liberation from them, in Hindi [/caption] गुरु नानक (Guru Nanak) साहब के जीवन (life) का एक प्रसंग (story) है. एक बार गुरु नानक साहब अपने शिष्यों (disciples) के साथ कहीं यात्रा (travelling) पर जा रहे थे. रास्ते में सब लोगों ने देखा कि एक दुकान (shop) के आगे अनाज का ढेर पड़ा हुआ है. एक बकरा (goat) उनमें से कुछ खाने की कोशिश (try) कर रहा है और एक लड़का उस बकरे को डंडे मारकर भगा रहा है. नानक साहब यह देख कर हस (smiling) पड़े. थोड़ी दूर जाने पर उनके शिष्यों (disciples) में से एक बोला कि भगवन (god) मैंने तो सुना था कि संत (sage) दूसरों के दुख में दुखी होते हैं परन्तु (but) आप तो बकरे को पिटता (beaten) देखकर हँसे (laughed), इसमें कोई राज (secret) होगा. कृपया समझायें. नानक साहब बोले कि देखो वह जो बकरा था किसी समय (time) इस दुकान (shop) का मालिक (owner) था. इस लड़के का पिता (father) था जो इस समय पिट रहा है अपने पुत्र (son) के हाथ. फिर उन्होंने बताया कि देखो मनुष्य (human) जो कर्म करता...

मन में निर्मलता कैसे लाये ? - How to bring clarity in mind?

[caption id="" align="aligncenter" width="457"] मन की निर्मलता - Clarity of mind, in Hindi [/caption] निर्मल ह्रदय (clean heart) खुले आकाश (sky) की भांति (like) पारदर्शी (transparent) होता है. उसमे छिपने-छिपाने की कोई बात नहीं होती है. निर्मल ह्रदय (clean heart) वाले का अंतरंग (inner) ऐसा अन्त:पुर होता है जहाँ सबकी सहज (spontaneous) पहुँच होती है. माता-पिता का दिल पुत्र (son) के लिए और परम पिता का दिल सबके लिये ऐसा ही होता है. संतजन (sage) ईश्वर के अवतार (incarnation) होता है, उनका दिल-दरबार सबके लिये खुला होता है. वे यह निर्मलता (cleanness) का प्रसाद सबको बांटते फिरते है. उनके सत्संग से यह निर्मलता अनायास (suddenly) प्राप्त होती है. निर्मलता से जीव में निर्भयता (fearlessness) आती है, आत्मा विश्वास (self confidence) आता है. बंधनों से मुक्ति (release) मिलता है. यह सत्संग है. यहाँ हर जीव माया के प्रबल प्रवाह (strong floe) में बहा जा रहा है. न चाहते हुए भी भूलें (forget) होती रहती है. कभी गुरु में अश्रद्धा (faithless), कभी ईश्वर में अविश्वास (disbelief), कभी...

कब , कहाँ , कैसे होता है प्यार ? - When, where, how love is happen? In Hindi

कब , कहाँ , कैसे होता है प्यार ? - When, where, how love is happen? In Hindi, pyar kaise hota hai?, kaise hota hai pyar?, pyar kab hota hai? पहले प्यार का पहला feeling, कुछ को तो पता ही नहीं चलता कि उनको प्यार हो गया है. ज्यादातर पहले प्यार कच्ची उम्र या teenage में ही हो जाता है, कभी-कभी लोग अपने प्यार का इजहार भी नहीं कर पाते और हाँ पहले प्यार को जिंदगी भर याद रखते है, कोई तो इसे first crush भी कहते है, आइये जानते है क्यों, कब और कहा होता है first love.... 1. कहते है कि first love हमेशा दिल में ताजा रहता है चाहे इजहार हुआ हो या न हुआ हो. 2. ज्यादातर school के दिनों में, college की शुरूवाती दिनों में या फिर teenage में होता है पहला प्यार. 3. बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जिन्हें अपने पहले प्यार के साथ जिंदगी बिताने के मौका मिलता है. कहने का मतलब है कि उनका पहला प्यार success होता है. इस article को पूरा पढ़ने के लिये Next Page पर जाये.. कब , कहाँ , कैसे होता है प्यार ? - When, where, how love is happen? In Hindi, pyar kaise hota hai?, kaise hota hai pyar?, pyar kab hota hai? 4. अक्सर कम उम्र...