नीम है हकीम - Neem Hai Hakim, neem ke patte khane se kya hota hai, neem ke fayde, neem ke patte ka ras
बालों के लिये संजीवनी है - नीम , यदि सिर के बाल गिरने आरम्भ हो गये तो तुरंत चेत जाएँ . नीम और बेर के पत्तों को उबालकर , उस पानी से बालों को धोएं , फिर बाल्लों को सुखाकर नीम का तेल बालों की जड़ों में खूब मसलें , इससे बाल नहीं झडेंगे , जुएँ मरेंगे , बाल काले लम्बे घने होंगे .
नीम का shampoo भी बालों के लिए वरदान है , नीम की निम्बोली की गिरी और अरीठा समान मात्रा में मिलाकर पिस लें , उसमें मेंहदी पाउडर भी मिला लें , दो मग गरम पानी में चार चम्मच यह मिश्रण घोलकर shampoo बना लें , इससे सिर धोयें , सिर की दुर्गन्ध , खुजली , रुसी जुएँ समाप्त होंगी और बाल काले मुलायम होंगे .
सिर में जगह-जगह बाल झड़कर चकते होने पर नीम का तेल लगाएं , 2-3 माह तक इसकी मालिश करें , पलकों के बाल झाड़ने लगे हों तो नीम के ताजा पत्तों का रस पलकों पर लगते रहें - आंख को बचायें .
नीम की लुदगी लगाने से फोड़े , फुंसी से राहत मिलती है , करीब 150 नीम पत्तों को पिस लें , ताम्बे के बर्तन में करीब 75 ग्राम सरसों का तेल गरम करें , जब तेल से धुआं उठने लगे तो इसमें नीम के पत्तों की लुदगी डाल दें , जब लुदगी पूरी तरह जलकर काली पड़ जाये तो उसे ठंडा होने दें - उसमें थोड़ा कपूर और पीला मोम मिलाकर पिस लें . इस मलहम को फोड़े फुन्सी पर लगायें .
इस article को पूरा पढ़ने के लिये Next Page पर जाये.
नीम है हकीम - Neem Hai Hakim, neem ke patte khane se kya hota hai, neem ke fayde, neem ke patte ka ras
अनियमित मासिक धर्म (periods) से मुक्ति के लिये एक गिलास पानी में एक चम्मच नीम की छाल और तोड़ा गुड़ उबालें , आधा गिलास रह जाने पर इसे छानकर पिएं , 20-25 दिनों तक प्रात:काल यह काढ़ा पिने से लाभ होगा . मासिक धर्म (periods) के दौरान अंग पीड़ा (body pain) से बचने के लिए नीम के पत्तों का रस 5 ग्राम , अदरक रस 10 ग्राम और उसमें इतना हो पानी मिलाकर पिएं , मासिक धर्म (periods) में रुकावट होने पर नीम की हारी पत्तियों को सेंक कर नाभि के निचे बांधें - दस नीम की पट्टी और थोड़ा अदरक को पीसकर इसकी गोली पानी से ले लें .
बवासीर (piles) से पीड़ित रोगी यदि 10 निम्बोली + गुड़ + सेंधा नमक _ मिश्री थोड़ी मात्रा का मिश्रण सुबह शाम ठंडे पानी के साथ लें तो फायदा होगा , ऐसा 7 दिन तक करके देखें .
पतझड़ के बाद फूलने वाली नीम की नई कोपलें प्रात: भूखे पेट खाते रहने से पेट के समस्त रोगों में फायदा होगा , इससे चर्म रोगों (skin disease) में फायदा होगा , इससे चर्म रोग भी नहीं होंगे और मुख पर कांति आएगी .
दाद होने पर नीम की हारी टहनी ko जलायें , इसे जलने पर उसके आस-पास से पानी निकलेगा , इस पानी को दाद पर लगायें , दही में नीम की पत्तियों को पिस कर भी लगा सकते हैं , लाभ होगा .
इस article को पूरा पढ़ने के लिये Next Page पर जाये.
नीम है हकीम - Neem Hai Hakim, neem ke patte khane se kya hota hai, neem ke fayde, neem ke patte ka ras
नीम के फूलों को सुखाकर पिस लें , रात को सोते समय एक चटकी चूर्ण गर्म पानी के साथ लें , कब्ज से राहत मिलेगी , नीम की पत्ती का रस पानी में मिलाकर सूर्योदय से पूर्व पियें , थोड़ा टहलें , शौच साफ होगा .
गले में दर्द की शिकायत या खराश होने पर दो चम्मच नीम रस + आधा चम्मच शहद एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर नित्य दो बार गरारे करें , इससे जमा हुआ कफ भी निकाल जाएगा .
गुर्दे या मूत्राशय की पथरी में एक चम्मच नीम के पत्तों की रख ठाणे पानी के साथ दिन में तीन बार लें , कुछ ही दिनों में आराम हो जायेगा ,रख बनाने के लिए नीम की पत्तियों को छाया में सुखाकर किसी बर्तन में जला लें , जल जाने पर बर्तन को ढक दें , 4-5 घंटे बाद ये जली पत्तियां पिस लें .
पीलिया (jaundice) होने पर नीम पत्ती का रस तीन चम्मच + आधा चम्मच सोंठ पाउडर + चार चम्मच शहद मिलाकर सुबह खाली पेट 5-7 दिनों तक लें , उन दिनों केवल दही चावल खाएं और छाछ पिएं , तेल , गुड़ शक्कर का सेवन न करें .
मुंहासों (acne) से छुटकारा पाने के लिए निम्बोली की गिरी पीसकर रोजाना चहरे पर लगाएं , दाग-धब्बे भी मिटेंगे , और चेहरे पर निखार आयेगा .
बालों के लिये संजीवनी है - नीम , यदि सिर के बाल गिरने आरम्भ हो गये तो तुरंत चेत जाएँ . नीम और बेर के पत्तों को उबालकर , उस पानी से बालों को धोएं , फिर बाल्लों को सुखाकर नीम का तेल बालों की जड़ों में खूब मसलें , इससे बाल नहीं झडेंगे , जुएँ मरेंगे , बाल काले लम्बे घने होंगे .
नीम का shampoo भी बालों के लिए वरदान है , नीम की निम्बोली की गिरी और अरीठा समान मात्रा में मिलाकर पिस लें , उसमें मेंहदी पाउडर भी मिला लें , दो मग गरम पानी में चार चम्मच यह मिश्रण घोलकर shampoo बना लें , इससे सिर धोयें , सिर की दुर्गन्ध , खुजली , रुसी जुएँ समाप्त होंगी और बाल काले मुलायम होंगे .
सिर में जगह-जगह बाल झड़कर चकते होने पर नीम का तेल लगाएं , 2-3 माह तक इसकी मालिश करें , पलकों के बाल झाड़ने लगे हों तो नीम के ताजा पत्तों का रस पलकों पर लगते रहें - आंख को बचायें .
नीम की लुदगी लगाने से फोड़े , फुंसी से राहत मिलती है , करीब 150 नीम पत्तों को पिस लें , ताम्बे के बर्तन में करीब 75 ग्राम सरसों का तेल गरम करें , जब तेल से धुआं उठने लगे तो इसमें नीम के पत्तों की लुदगी डाल दें , जब लुदगी पूरी तरह जलकर काली पड़ जाये तो उसे ठंडा होने दें - उसमें थोड़ा कपूर और पीला मोम मिलाकर पिस लें . इस मलहम को फोड़े फुन्सी पर लगायें .
इस article को पूरा पढ़ने के लिये Next Page पर जाये.
नीम है हकीम - Neem Hai Hakim, neem ke patte khane se kya hota hai, neem ke fayde, neem ke patte ka ras
अनियमित मासिक धर्म (periods) से मुक्ति के लिये एक गिलास पानी में एक चम्मच नीम की छाल और तोड़ा गुड़ उबालें , आधा गिलास रह जाने पर इसे छानकर पिएं , 20-25 दिनों तक प्रात:काल यह काढ़ा पिने से लाभ होगा . मासिक धर्म (periods) के दौरान अंग पीड़ा (body pain) से बचने के लिए नीम के पत्तों का रस 5 ग्राम , अदरक रस 10 ग्राम और उसमें इतना हो पानी मिलाकर पिएं , मासिक धर्म (periods) में रुकावट होने पर नीम की हारी पत्तियों को सेंक कर नाभि के निचे बांधें - दस नीम की पट्टी और थोड़ा अदरक को पीसकर इसकी गोली पानी से ले लें .
बवासीर (piles) से पीड़ित रोगी यदि 10 निम्बोली + गुड़ + सेंधा नमक _ मिश्री थोड़ी मात्रा का मिश्रण सुबह शाम ठंडे पानी के साथ लें तो फायदा होगा , ऐसा 7 दिन तक करके देखें .
पतझड़ के बाद फूलने वाली नीम की नई कोपलें प्रात: भूखे पेट खाते रहने से पेट के समस्त रोगों में फायदा होगा , इससे चर्म रोगों (skin disease) में फायदा होगा , इससे चर्म रोग भी नहीं होंगे और मुख पर कांति आएगी .
दाद होने पर नीम की हारी टहनी ko जलायें , इसे जलने पर उसके आस-पास से पानी निकलेगा , इस पानी को दाद पर लगायें , दही में नीम की पत्तियों को पिस कर भी लगा सकते हैं , लाभ होगा .
इस article को पूरा पढ़ने के लिये Next Page पर जाये.
नीम है हकीम - Neem Hai Hakim, neem ke patte khane se kya hota hai, neem ke fayde, neem ke patte ka ras
नीम के फूलों को सुखाकर पिस लें , रात को सोते समय एक चटकी चूर्ण गर्म पानी के साथ लें , कब्ज से राहत मिलेगी , नीम की पत्ती का रस पानी में मिलाकर सूर्योदय से पूर्व पियें , थोड़ा टहलें , शौच साफ होगा .
गले में दर्द की शिकायत या खराश होने पर दो चम्मच नीम रस + आधा चम्मच शहद एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर नित्य दो बार गरारे करें , इससे जमा हुआ कफ भी निकाल जाएगा .
गुर्दे या मूत्राशय की पथरी में एक चम्मच नीम के पत्तों की रख ठाणे पानी के साथ दिन में तीन बार लें , कुछ ही दिनों में आराम हो जायेगा ,रख बनाने के लिए नीम की पत्तियों को छाया में सुखाकर किसी बर्तन में जला लें , जल जाने पर बर्तन को ढक दें , 4-5 घंटे बाद ये जली पत्तियां पिस लें .
पीलिया (jaundice) होने पर नीम पत्ती का रस तीन चम्मच + आधा चम्मच सोंठ पाउडर + चार चम्मच शहद मिलाकर सुबह खाली पेट 5-7 दिनों तक लें , उन दिनों केवल दही चावल खाएं और छाछ पिएं , तेल , गुड़ शक्कर का सेवन न करें .
मुंहासों (acne) से छुटकारा पाने के लिए निम्बोली की गिरी पीसकर रोजाना चहरे पर लगाएं , दाग-धब्बे भी मिटेंगे , और चेहरे पर निखार आयेगा .
Comments
Post a Comment