शीघ्र पतन की चिकित्सा - Ejaculation treatment in Hindi, sighra patan ka ilaj, jaldi viry nikal jata hai, jaldi sperm nikal jata hai, jyada time tak sambhog nahi kar pata, gharelu ilaj...
विवेक , धेर्य से काम न लेकर अज्ञानता एवं उतावलेपन से काम लेने वाले पुरुष इस शीघ्रपतन नमक रोग से ग्रस्त रहते हैं . इनसे छुटकारे पाने के लिए निम्न बातों को follow करें -
जिनकी पाचन शक्ति बहुत अच्छी हो वे धुली हुई उरद की दाल और पुराने चावल की खिचड़ी बनाकर इसमें शुद्ध घी डालकर प्रतिदिन सुबह या शाम को केवल एक टाइम भोजन की जगह कम से कम 40 दिन खाएं .
इसका प्रत्येक कोर तब तक चबाते रहें जब तक यह खुद ही हलक से कर पेट में चली न जाए , इसे निगलना न पड़े . इसके साथ घूंट-घूंट कर मीठा दूध पीते रहें , या खाने के बाद पि लें . इसकी मात्रा शुरू में अपने पाचन शक्ति से थोड़ी कम रखें , फिर प्रतिदिन थोड़ी-थोड़ी मात्रा बढ़ाते जाएँ .अच्छी तरह चबाएंगे , तो ठीक हजम हो जाएगी .
बड़ का एक पत्ता तोड़ें . इसके डंठल से दूध टपकेगा . इस दूध को बताशे पर टपका लें . बताशे में 5-7 बूँद टपकाना काफी है . इस बताशे को खाकर दुसरे बताशे में दूध टपकाएं . इस प्रकार 2-3 बताशे से शुरू करें और 7-8 बताशे तक बढ़ा लें .
यह दूध बहुत शक्तिवर्धक और शरीर एवं धातुओं को पुष्टि प्रदान करने वाला होता है . इतनी मात्रा में प्रयोग करने के लिए बताशे का प्रयोग करना जरुरी नहीं . इसे एक कटोरी में इक्कठा करके पी लें और ऊपर से मुंह साफ करने के लिए 2-3 बताशे खा लें . यह बहुत उत्तम और गुणकारी उपाय है , जो मुफ्त में उपलब्ध हो जाता है .
विवेक , धेर्य से काम न लेकर अज्ञानता एवं उतावलेपन से काम लेने वाले पुरुष इस शीघ्रपतन नमक रोग से ग्रस्त रहते हैं . इनसे छुटकारे पाने के लिए निम्न बातों को follow करें -
जिनकी पाचन शक्ति बहुत अच्छी हो वे धुली हुई उरद की दाल और पुराने चावल की खिचड़ी बनाकर इसमें शुद्ध घी डालकर प्रतिदिन सुबह या शाम को केवल एक टाइम भोजन की जगह कम से कम 40 दिन खाएं .
इसका प्रत्येक कोर तब तक चबाते रहें जब तक यह खुद ही हलक से कर पेट में चली न जाए , इसे निगलना न पड़े . इसके साथ घूंट-घूंट कर मीठा दूध पीते रहें , या खाने के बाद पि लें . इसकी मात्रा शुरू में अपने पाचन शक्ति से थोड़ी कम रखें , फिर प्रतिदिन थोड़ी-थोड़ी मात्रा बढ़ाते जाएँ .अच्छी तरह चबाएंगे , तो ठीक हजम हो जाएगी .
बड़ का एक पत्ता तोड़ें . इसके डंठल से दूध टपकेगा . इस दूध को बताशे पर टपका लें . बताशे में 5-7 बूँद टपकाना काफी है . इस बताशे को खाकर दुसरे बताशे में दूध टपकाएं . इस प्रकार 2-3 बताशे से शुरू करें और 7-8 बताशे तक बढ़ा लें .
यह दूध बहुत शक्तिवर्धक और शरीर एवं धातुओं को पुष्टि प्रदान करने वाला होता है . इतनी मात्रा में प्रयोग करने के लिए बताशे का प्रयोग करना जरुरी नहीं . इसे एक कटोरी में इक्कठा करके पी लें और ऊपर से मुंह साफ करने के लिए 2-3 बताशे खा लें . यह बहुत उत्तम और गुणकारी उपाय है , जो मुफ्त में उपलब्ध हो जाता है .
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