Skip to main content

अपराधी कौन ? - Vikram Betaal Ki Kahani


अपराधी कौन ? - Vikram Betaal

बनारस में देवस्वामी नाम का एक ब्राहमण रहता था . उसका हरिदास नाम का एक पुत्र था . हरिदास की पत्नी बड़ी सुन्दर थी . नाम था लावण्यवती . एक दिन वे अपने भवन के ऊपर छत पर सो रहे थे .

आधी रात के समय एक गंधर्व कुमार आकाश में घूमता हुआ उदार से निकला . वह लावण्यवती के रूप पर मुग्ध होकर , उसे उड़कर ले गया . जागने पर हरिदास ने देखा कि उसकी स्त्री नहीं है तो उसे बड़ा दुख हुआ और वह मरने के लिए तैयार हो गया . लोगों ने समझाने पर वह माना तो गया लेकिन यह सोचकर कि तीरथ करने से शायद पाप दूर हो जाय और स्त्री मिल जाय , वह घर से निकाल पड़ा .

चलते-चलते वह किसी गांव में एक ब्राहमण के घर पहुंचा . उस समय उसे बड़ी जोर की भूख लगी हुई थी . वह भूखा-प्यासा एक ब्राहमण के घर के सामने जा पहुंचा . उसे भूखा देख ब्राहमणी ने उसे कटोरा भरकर खीर दे दी और तालाब के किनारे बैठकर खाने को कहा . हरिदास खीर लेकर एक पेड़ के निचे आया और कटोरी वहां रखकर तालाब में हाथ-मुंह धोने गया . इसी बिच एक बाज किसी सांप को लेकर उड़ता हुआ आया और उसी पेड़ पर आ बैठा .

इस बिच हरिदास लौटा और जब वह खीर खाने लगा तो सांप के मुंह से जहर टपककर कटोरे में गिर गया . हरिदास को कुछ पता नहीं था . वह उस खीर को खा गया . जहर का असर होने पर वह तड़पने लगा और दौड़ा-दौड़ा ब्राहमणी के पास आकर बोला - ' तूने मुझे जहर दे दिया है . ' इतना कहने के बाद हरिदास मर गया .

पति ने यह देखा तो ब्राहमणी को ब्रह्मघातिनी कहकर घर से निकाल दिया .

इतना कहकर बेताल बोला - ' राजन , बताओ कि सांप , बाज और ब्राहमणी इन तीनो में अपराधी कौन है ?

राजा ने कहा - ' कोई नहीं . सांप तो इसलिए नहीं क्योंकि वह शत्रु के वश में था . बाज इसलिए नहीं कि वह भूखा था . जो उसे नील गया , उसी को वह खाने लगा . ब्राहमणी इसलिए नहीं कि उसने अपना धर्म समझकर उसे खीर दी थी और अच्छी दी थी . इसलिए अपराधी ब्राहमणीका पति था जिसने विचारे ब्राहमणी को घर से निकाल दिया . '

इतना सुनकर बेताल फिर पेड़ पर जा लटका और राजा को वहां जाकर उसे लाना पड़ा . बेताल ने चलते-चलते नई कहानी सुनाई .

Comments

Popular posts from this blog

संस्कार और उनसे मुक्ति - Sacrifice and liberation from them, in Hindi

[caption id="" align="aligncenter" width="497"] संस्कार और उनसे मुक्ति - Sacrifice and liberation from them, in Hindi [/caption] गुरु नानक (Guru Nanak) साहब के जीवन (life) का एक प्रसंग (story) है. एक बार गुरु नानक साहब अपने शिष्यों (disciples) के साथ कहीं यात्रा (travelling) पर जा रहे थे. रास्ते में सब लोगों ने देखा कि एक दुकान (shop) के आगे अनाज का ढेर पड़ा हुआ है. एक बकरा (goat) उनमें से कुछ खाने की कोशिश (try) कर रहा है और एक लड़का उस बकरे को डंडे मारकर भगा रहा है. नानक साहब यह देख कर हस (smiling) पड़े. थोड़ी दूर जाने पर उनके शिष्यों (disciples) में से एक बोला कि भगवन (god) मैंने तो सुना था कि संत (sage) दूसरों के दुख में दुखी होते हैं परन्तु (but) आप तो बकरे को पिटता (beaten) देखकर हँसे (laughed), इसमें कोई राज (secret) होगा. कृपया समझायें. नानक साहब बोले कि देखो वह जो बकरा था किसी समय (time) इस दुकान (shop) का मालिक (owner) था. इस लड़के का पिता (father) था जो इस समय पिट रहा है अपने पुत्र (son) के हाथ. फिर उन्होंने बताया कि देखो मनुष्य (human) जो कर्म करता...

मन में निर्मलता कैसे लाये ? - How to bring clarity in mind?

[caption id="" align="aligncenter" width="457"] मन की निर्मलता - Clarity of mind, in Hindi [/caption] निर्मल ह्रदय (clean heart) खुले आकाश (sky) की भांति (like) पारदर्शी (transparent) होता है. उसमे छिपने-छिपाने की कोई बात नहीं होती है. निर्मल ह्रदय (clean heart) वाले का अंतरंग (inner) ऐसा अन्त:पुर होता है जहाँ सबकी सहज (spontaneous) पहुँच होती है. माता-पिता का दिल पुत्र (son) के लिए और परम पिता का दिल सबके लिये ऐसा ही होता है. संतजन (sage) ईश्वर के अवतार (incarnation) होता है, उनका दिल-दरबार सबके लिये खुला होता है. वे यह निर्मलता (cleanness) का प्रसाद सबको बांटते फिरते है. उनके सत्संग से यह निर्मलता अनायास (suddenly) प्राप्त होती है. निर्मलता से जीव में निर्भयता (fearlessness) आती है, आत्मा विश्वास (self confidence) आता है. बंधनों से मुक्ति (release) मिलता है. यह सत्संग है. यहाँ हर जीव माया के प्रबल प्रवाह (strong floe) में बहा जा रहा है. न चाहते हुए भी भूलें (forget) होती रहती है. कभी गुरु में अश्रद्धा (faithless), कभी ईश्वर में अविश्वास (disbelief), कभी...

कब , कहाँ , कैसे होता है प्यार ? - When, where, how love is happen? In Hindi

कब , कहाँ , कैसे होता है प्यार ? - When, where, how love is happen? In Hindi, pyar kaise hota hai?, kaise hota hai pyar?, pyar kab hota hai? पहले प्यार का पहला feeling, कुछ को तो पता ही नहीं चलता कि उनको प्यार हो गया है. ज्यादातर पहले प्यार कच्ची उम्र या teenage में ही हो जाता है, कभी-कभी लोग अपने प्यार का इजहार भी नहीं कर पाते और हाँ पहले प्यार को जिंदगी भर याद रखते है, कोई तो इसे first crush भी कहते है, आइये जानते है क्यों, कब और कहा होता है first love.... 1. कहते है कि first love हमेशा दिल में ताजा रहता है चाहे इजहार हुआ हो या न हुआ हो. 2. ज्यादातर school के दिनों में, college की शुरूवाती दिनों में या फिर teenage में होता है पहला प्यार. 3. बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जिन्हें अपने पहले प्यार के साथ जिंदगी बिताने के मौका मिलता है. कहने का मतलब है कि उनका पहला प्यार success होता है. इस article को पूरा पढ़ने के लिये Next Page पर जाये.. कब , कहाँ , कैसे होता है प्यार ? - When, where, how love is happen? In Hindi, pyar kaise hota hai?, kaise hota hai pyar?, pyar kab hota hai? 4. अक्सर कम उम्र...