किसी भी नारी की इज्जत लूटना एवं उससे जबरन संभोग करना बलात्कार की नींव मानी जाती है . आप पुरे विश्व में ही इस प्रकार की आंधी चल पड़ी है . हमारा पूरा सामाजिक ढांचा ही हिलकर रह गया है . इस दुष्कर्म के भयंकर परिणामों को देखते हुए ऐसा प्रतीत होने लगा है कि हमारे देश में किसी भी नारी की इज्जत सुरक्षित नही है . क्या होगा समाज का ?
आज चरों ओर यही आग लगी है . यह तो ठीक है कि हम सब लोग इस आग को बुझाने के प्रयासों में जुटे है . कोई भी सच्चा भारतीय इस प्रकार के दुष्कर्मो को नहीं चाहता और न ही हमारा धर्म इस बात की किसी भी व्यक्ति को अनुमति देता है . भारत देश ने तो सदा से पुरे संसार में नारी को उच्च सामाजिक स्थान का मार्ग दिखाया है . भारत ही विश्व का पहला देश है जिसमे नारी रूप में महाशक्ति दुर्गा के साथ-साथ लक्ष्मी , पार्वती , सरस्वती की उपासना होती है . सती पूजा आज भी हमारे देश की उपासना का अंग है .
रामायण जैसे पवित्र ग्रन्थ में भी माता सीता के अपहरण के बदले में रावण को जो दंड दिया गया , वह था सोने की लंका को जलाकर राख करना और रावण के पापी परिवार का विनाश . यह दंड था केवल अपहरण का जो भगवान राम ने रावण को दिया . जिसे आज भी दशहरे के पर्व के रूप में मनाकर हम इस कहानी को घर-घर तक पहुँचाने का प्रयास करते है कि - किसी भी नारी का अपमान करना , उसका अपहरण करना सबसे बड़ा अपराध है . ऐसे अपराध का दंड भगवान राम ने जो दिया , वही उचित माना गया .
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आज जो हालत समाज की हो रही है , जो घटनाएँ घट रही है उन्हें देखकर ऐसा प्रतीत होने लगा है , जैसे एक रावण तो क्या हर ओर रावण ही रावण खड़े है . अब नारी के अपहरण से भी आगे जाकर बलात्कार होने लगे है .
बलात्कारी को पकड़ लिया जाता है , उसे कानून के हवाले कर दिया जाता है , किन्तु हमारे कानून की जरूरत होती है मौके के गवाह की . जब बलात्कार के समय आँखों देखा गवाह नहीं मिलता तो हमारे कानून के रक्षक वकील लोग ऐसे अपराधियों को साफ बचाने में सफल हो जाते है .
इसका दूसरा पक्ष यह भी है कि कोई भारतीय नहीं कोर्ट में जाकर जज के सामने किस मुह से यह कहने का सहस करेगी कि उसके साथ इस प्रकार से बलात्कार हुआ क्योंकि अपराधी को बचाने वाले वकील महोदय उस बेचारी लड़की पर बलात्कार के विषय को लेकर अनेक ऐसे प्रश्न कर डालेंगे कि किसी भी भली और शरीफ घराने की नारी को भरी सभा में उन प्रश्नों का उत्तर देना लज्जा के सागर में गोते लगाने वाली बात है . जिसका परिणाम होता है कि अपराधी छुट जाता है .
इससे भयंकर अपराधियों को आगे बढ़ने का अवसर मिल जाता है . यदि ऐसा नहीं भी होता तो बड़े घराने के बिगड़े हुए नए शहजादों की ऊँची पहुंच भी उन्हें मुक्ति दिलाने का करण बन जाती है जिससे सेक्स अपराध दो कदम और आगे बढ़ने लगते है .
आज चरों ओर यही आग लगी है . यह तो ठीक है कि हम सब लोग इस आग को बुझाने के प्रयासों में जुटे है . कोई भी सच्चा भारतीय इस प्रकार के दुष्कर्मो को नहीं चाहता और न ही हमारा धर्म इस बात की किसी भी व्यक्ति को अनुमति देता है . भारत देश ने तो सदा से पुरे संसार में नारी को उच्च सामाजिक स्थान का मार्ग दिखाया है . भारत ही विश्व का पहला देश है जिसमे नारी रूप में महाशक्ति दुर्गा के साथ-साथ लक्ष्मी , पार्वती , सरस्वती की उपासना होती है . सती पूजा आज भी हमारे देश की उपासना का अंग है .
रामायण जैसे पवित्र ग्रन्थ में भी माता सीता के अपहरण के बदले में रावण को जो दंड दिया गया , वह था सोने की लंका को जलाकर राख करना और रावण के पापी परिवार का विनाश . यह दंड था केवल अपहरण का जो भगवान राम ने रावण को दिया . जिसे आज भी दशहरे के पर्व के रूप में मनाकर हम इस कहानी को घर-घर तक पहुँचाने का प्रयास करते है कि - किसी भी नारी का अपमान करना , उसका अपहरण करना सबसे बड़ा अपराध है . ऐसे अपराध का दंड भगवान राम ने जो दिया , वही उचित माना गया .
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आज जो हालत समाज की हो रही है , जो घटनाएँ घट रही है उन्हें देखकर ऐसा प्रतीत होने लगा है , जैसे एक रावण तो क्या हर ओर रावण ही रावण खड़े है . अब नारी के अपहरण से भी आगे जाकर बलात्कार होने लगे है .
बलात्कारी को पकड़ लिया जाता है , उसे कानून के हवाले कर दिया जाता है , किन्तु हमारे कानून की जरूरत होती है मौके के गवाह की . जब बलात्कार के समय आँखों देखा गवाह नहीं मिलता तो हमारे कानून के रक्षक वकील लोग ऐसे अपराधियों को साफ बचाने में सफल हो जाते है .
इसका दूसरा पक्ष यह भी है कि कोई भारतीय नहीं कोर्ट में जाकर जज के सामने किस मुह से यह कहने का सहस करेगी कि उसके साथ इस प्रकार से बलात्कार हुआ क्योंकि अपराधी को बचाने वाले वकील महोदय उस बेचारी लड़की पर बलात्कार के विषय को लेकर अनेक ऐसे प्रश्न कर डालेंगे कि किसी भी भली और शरीफ घराने की नारी को भरी सभा में उन प्रश्नों का उत्तर देना लज्जा के सागर में गोते लगाने वाली बात है . जिसका परिणाम होता है कि अपराधी छुट जाता है .
इससे भयंकर अपराधियों को आगे बढ़ने का अवसर मिल जाता है . यदि ऐसा नहीं भी होता तो बड़े घराने के बिगड़े हुए नए शहजादों की ऊँची पहुंच भी उन्हें मुक्ति दिलाने का करण बन जाती है जिससे सेक्स अपराध दो कदम और आगे बढ़ने लगते है .
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