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नीम के फायदे - Benefits Of Neem in Hindi

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नीम होती तो कड़वी है परन्तु है  बहुत गुणकारी . यह सर्वरोग नासक है . प्रकृति की अदभुत व मुफ्त भेंट है नीम .

नीम का पेड़ सदेव oxygen छोड़ता रहता है , इसलिए घर के पास नीम का पेड़ होना स्वास्थ्य के लिए अति उत्तम है .

नीम में चिंता और तनाव को दूर करने वाले anti-oxidant , vitamin-c , vitamin-e और केरोटीनायड भी होते है , जो मन को शांत करते है , पीलिया (jaundice) होने पर नीम की पत्तियां पीसकर एक कप पानी मिलाकर गर्म करें , गुड़ मिला कर पिने से लाभ होता है .

नीम sulfur का भंडार है , इसलिए यह सर्वश्रेष्ट प्राक्रतिक anti-biotic है . नीम की पत्तियां को दही में पीसकर लगते रहने से पुराने से पुराने एग्जिमा हमेशा के लिए समाप्त हो जाते है , मुंहासों (acne) के लिये नीम की पत्तियां पीसकर लगायें .

फुलबहरी , सफेद दाग में भोजन करने से पहले रोज 10-25 नीम की पत्तियां दिन में तीन बार चबा-चबाकर खाएं और त्वचा पर नीम का तेल लगाएं . नीम में एक ऐसा रसायन होता है जिसे ' embodies ' कहते है जो जोड़ों की पीड़ा / सुजन में आराम देता है .

नीम के पत्ते , छाल और मिम्बुड़ी , anti-bacterial , anti-viral , anti-fungal , anti-सुजन का काम करते है . इससे सभी प्रकार के हानिकारक कीड़े मर जाते है . इससे सुजन नहीं होती , virus के रोग नहीं होते एवं शरीर में कही भी फंगल नहीं होती .

नीम अति शक्तिशाली anti-oxidant है . हमारे शरीर में चायपचय क्रिया से हानिकारक free-radicles बनते रहते है . इन मुक्त कणों से लड़ने के लिये हमें भरपूर मात्रा में anti-oxidant की जरुरत है . नीम सभी प्रकार के chemical , विषेले तत्वों से हमारा बचाव करता है ,

जिससे heart-diseases , cancer , asthma , गठिया आदि का प्रकोप नहीं होता , इसीलिए रोज मीम खाना अनिवार्य हो गया है .
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Typhoid में नीम की छाल के काढे में साबुत धनिया व सौप का चूर्ण मिलाकर पिने से शीघ्र लाभ मिलता है . Malaria , Dengue जैसे viral ज्वारों में भी यह बहुत लाभकारी है . खुनी बवासीर में 4-5 नीम की निम्बोड़ी रोज खाने से अर्श रोग हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है .

नीम खाने से भोजन में उपलब्ध chemical व विषेले तत्वों का lever पर प्रभाव नहीं पड़ता , lever के रोग नहीं होते .

Asthma रोग में आधा किलो शुद्ध तिल के तेल में 200 ग्राम नीम की निम्बोड़ी धीमी आंच पर पकाएं . आधा रह जाने पर बोतल में भरकर रख लें . रोज दो चम्मच तेल चाय के साथ लेने से asthma बिल्कुल ठीक हो जाता है .

Sinus के रोग में इसी तेल की एक बूंद सुबह-शाम नाक में डालें .

Diabetes के रोगियों के लिए ये अमृत है .10 नीम के पत्ते सुबह खाली पेट खाने से शर्करा की मात्रा पर नियंत्रण रहता है .

अधिक मासिक स्त्राव को रोकने के लिए नीम का रस पिएँ अथवा खाएं . मासिक की रुकावट में नीम की छाल पीसकर एक चम्मच सौठ चूर्ण और गुड़ मिलाकर पिएं .

केवल 4-5 नीम के पत्ते रोज चबाने से हम स्वस्थ रह सकते है और अनेक रोगों से बचे रह सकते है . अपने घर से आस-पास नीम का पेड़ भी लगाएं .

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