कैसे होता है आप के साथ आनलाईन फ्राड आपने कभी सोचा है आपने जो मोबाइल नम्बर अपनी बैंक मे दिया है वह नम्बर फ्राड करने वाले के पास कैसे चला जाता है । आपने कौन सा नम्बर किस बैंक मे दिया है यह तो सिर्फ आप जानते हो या फिर बैंक फिर फ्राड करने वाले के पास आपका नम्बर कैसे पहुंच जाता है ? इसका मतलब या तो आप देते हो या बैंक । अब आप बोलोगे मै भला अपना नम्बर क्यु दूंगा फ्राड करने वाले को । तो क्या बैंक वाले देते है आपका नम्बर ? अब अगर मै कहू कि दोनो ही इसके लिये जिम्मेदार है तो गलत ना होगा अगर फ्राड करने वाला बैंक की साइट हैक करके आपका नं निकाल लेता है तो इसमे तो आपका कोई जोर नही । लेकिन बैंक की साईट को हैक करना इतना आसान नही होता छोटे हैकरो के बस का यह काम नही होता । यह कम ही होता है । तो आप सोच रहे होगे कि इसका मतलब मै ये कहना चाहती हु कि आप ही अपना नम्बर खुद देते है । तो आपका यह सोचना गलत नही है आप ही अपना नम्बर हैकर को देते है बल्कि नम्बर ही नही और भी बहुत कुछ् आप दे देते हो । हा ये बात अलग है कि आप यह सब अन्जाने मे करते है । आप सोच रहे होगें...